माना की तुम जीते हो ज़माने क लिए.........
माना की तुम जीते हो ज़माने क लिए,
एक बार जी क तो देखो हमारे लिए,
दिल की क्या औकात आपके सामने,,
हम तो जान भी दे देंगे आपको पाने के लिए,,
एक बार जी क तो देखो हमारे लिए,
दिल की क्या औकात आपके सामने,,
हम तो जान भी दे देंगे आपको पाने के लिए,,
Haal E Dil
Saturday, November 20, 2010
किसी और की बाँहों में रहकर,
वोह हमसे वफ़ा की बात करते हैं,
यह कैसी चाहत है यारो,,
वोह बेवफा हैं ये जानकार भी,,
हम उन्ही से मोहब्बत करते हैं,,,,,
वोह हमसे वफ़ा की बात करते हैं,
यह कैसी चाहत है यारो,,
वोह बेवफा हैं ये जानकार भी,,
हम उन्ही से मोहब्बत करते हैं,,,,,
ओ-बेवफा सनम.................
दगामाते है कदम आँखें यूँ ही हो जाती है नम......
बरबस ही मैं रुक जाया करता हूँ चलके दो कदम........
ज़माने वाले अब हमें पागल समझ ने लगे हैं............
कोई ये न समझे असर है ये तेरी बेवफाई का, ओ-बेवफा सनम.......
बरबस ही मैं रुक जाया करता हूँ चलके दो कदम........
ज़माने वाले अब हमें पागल समझ ने लगे हैं............
कोई ये न समझे असर है ये तेरी बेवफाई का, ओ-बेवफा सनम.......
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